ताजा गजल

 ***********

कितने किरदार भी  निभाती है ये जिंदगी ।

शाह से गुलाम तक बना देती है ये जिंदगी।। 

अजीज भी वक़्त पर दुश्मन बन जाते हैं ।

वक़्त की कीमत बता देती है ये जिंदगी ।। 

कहते हैं कि पैसा  हाथ का मैल होता है  ।

पैसे का कमाल भी दिखा देती है जिंदगी।। 

घटता बढता खर्च तकलीफ दे तो होता है ।

जमा खर्च की नसीहत देती है ये जिंदगी ।। 

कहीं फाका मस्ती कहीं गुलछरे उड़ाते हैं  ।

अमीरी गरीबी का तामजाम है ये जिंदगी।। 

रिशतों की फेहरिस्त में तो बहुत से होते हैं ।

अपनों की पहचान करा देती है ये जिंदगी।। 

आसमान छूने की तमन्ना तो रखते हैं सभी  ।

अच्छे अच्छों को धूल चटा देती है ये जिंदगी ।। 

मुकदर का लिखा सबको मिलता है “नाचीज” ।

थाली में पुरसी रोटी भी छीन लेती है ये जिंदगी ।।

मईनुदीन कोहरी ” नाचीज बीकानेरी “

मोहल्ला कोहरियान , बीकानेर 334001 राज.

मो –9680868028