लड़ाई जारी है

प्रश्नों से घिरा हुआ है आदमी

कर रहा है खोज उत्तरों की

लेकिन हर उत्तर फिर

एक नया प्रश्न बन जाता है

आसमान धुएं से घिरा हुआ है

ज़मीन को बंजर बनाने की

हर संभव कोशिश हो रही है

मगरमच्छ पी रहे हैं

नदी का सारा पानी

इंसान प्यासा तड़प रहा है

धरती के जो असली बेटे हैं

जिनके खून और पसीने से

यह दुनिया अभी तक

जीने लायक बनी हुई है

वे मजबूर हैं

भूख से मरने को

लेकिन मौत के पंजों के बीच भी

जिन्दगी जिन्दा है

मौत से उसकी लड़ाई जारी है

जारी रहेगी ।

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-दुर्गाप्रसाद झाला .

मो. 9407381651.