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(1)
देश हमें प्यारा लगे,आँख का तो तारा लगे।
देश पर मरने का,मेरा अरमान है।।
वीर मतवाले हैं हम,देश-रखवाले हैं हम।
देश की ख़ातिर ही तो,मम् बलिदान है।।
देश हरियाता रहे,झंडा फहराता रहे।
वंदना को आतुर मैं,नित यशगान है।।
भारती का लाल हूँ मैं,सदा ही निहाल हूँ मैं।
देश की सीमाओं पर,नया तो विहान है।।
(2)
मतवाले नौजवान,देश की बने हैं शान।
सीना तानकर खड़े,प्रहरी जवान हैं।।
खेत में किसान खड़े,सीमा पे सिपाही अड़े।
नर-नारी सारे ही तो,देश-जयगान हैंं।।
वंदे मातरम् कहें,भावना में रोज़ बहें।
नागरिक देश के तो,रखें सदा शान हैं।।
भारत की बात और,करें सारे ही तो गौर।
देश में बसे हुए तो,सभी ही के प्रान हैं।।
-प्रो.(डॉ)शरद नारायण खरे
प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
मंडला,मप्र
(मो.9425484382)