ऐसा हो मेरा गंणतंत्र

आन बान शान हिंदुस्तान मेरी जान ।

आज़ादी के मतवालों से मिला खुला आसमान ।

इन वीर बलिदानियों को ,

शत् शत् मेरा प्रणाम ।

इस आजाद गंणतंत्र  का हम मिलकर करें सम्मान ।

सद्भावना की महक से महके मेरा हिंदुस्तान ।

भ्रष्टाचार,बेरोजगारी से मुक्त हो,

नव राष्ट्र का हो निर्वाण ।

चहूंओर नवप्रकाश हो ।

अंधियारे का विनाश हो ।

शिक्षा का हो संचार,

अधिकारों पर विचार हो ।

रोगों की रोकथाम हो ।

विज्ञान का उत्थान हो ।

नित्य नूतन हो प्रयोग,

शहर ,गांव उद्योग हों ।

संपूर्ण विश्व स्थापित  कीर्तिमान हो।

प्यारे भारत का सदैव ही गुणगान हो।

हर चेहरे खुशहाली की हो मुस्कान ,

हर मुख भारत देश महान हो।

रश्मि वत्स

मेरठ (उत्तर प्रदेश)