दिल्ली के सिखों और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी सदस्यों ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट बनाने का किया ऐलान

नई दिल्ली । दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों और दिल्ली के सिखों ने अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट बनाने का ऐलान किया है और कहा है कि यह पार्टी सिख कौम के धार्मिक मामलों के लिए पंथक परंपराओं के मुताबिक काम करेगी।
आज यहां एक प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका पार्टी के मुख्य संरक्षक चुने गए हैं। वहीं स. हरमीत सिंह कालका ने जानकारी दी कि सरदार एम.पी.एस. चड्ढा पार्टी के प्रधान चुने गए हैं जबकि वरिष्ठ नेता सरदार भजन सिंह वालिया और सरदार हरविंदर सिंह केपी को पार्टी के संरक्षक के तौर पर चुना गया है।
स. कालका ने आगे बताया कि पार्टी की कोर कमेटी सहित संगठनात्मक ढांचे को मुकम्मल करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने उम्मीद जताई की तब तक पार्टी को चुनाव चिन्ह भी मिल जाएगा। इस कमेटी में आत्मा सिंह लुबाणा, बलबीर सिंह विवेक विहार, अमरजीत सिंह पप्पू, अमरजीत सिंह पिंकी और हरविंदर सिंह के.पी. को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि यूथ विंग के गठन की जिम्मेदारी रमनदीप सिंह थापर, सतबीर सिंह गगन और मनजीत सिंह औलख को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि पार्टी विद्यार्थी चुनाव भी लड़ेगी और स्टूडैंट विंग के गठन की जिम्मेदारी रमनजोत सिंह मीता और गुरदेव सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि पार्टी की मज़बूत महिला विंग टीम होगी और बीबी भुपिन्दर कौर, बीबी बलजीत कौर, बीबी परमजीत कौर गुड्डी, बीबी मनजीत कौर गोविन्दपुरी, बीबी मनजीत कौर लारेंस रोड और बीबी सूरबीर कौर को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि यह पार्टी श्री अकाल तख्त साहिब के संरक्षण में पंथक परंपराओं के मुताबिक काम करेगी। उन्होंने कहा कि अकाली दल के मौजूदा नेतृत्व ने पंथ का भरोसा गंवा दिया है जिसका सबूत पंजाब चुनाव के नतीजे हैं। उन्होंने कहा कि लीडरशिप उसके खिलाफ लगे बेअदबी और अन्य आरोपों के बारे अपना पक्ष रखने में नाकाम रही है और इसलिए बेअदबी के दोषियों के लिए कुछ न रहने की अरदास स्वीकार हुई है और अब इसका कुछ नहीं रहा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधन करते हुए नवनिर्वाचित अध्यक्ष सरदार एमपीएस चड्ढा ने कहा कि यह दिल्ली के सिखों का ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि दिल्ली के सिखों को अपनी पार्टी की बहुत जरूरत थी। उन्होंने कहा कि अब वह सिख कौम के लिए बिना रुकावट काम कर सकेंगे और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में सेवा भी कर सकेंगे। इस मौके पर भजन सिंह वालिया ने भी संबोधन किया।
इस दौरान आत्मा सिंह लुबाणा, भुपिंदर सिंह भुल्लर, सरवजीत सिंह विरक, विक्रम सिंह रोहनी, एम.पी.एस चड्ढा, सुरजीत सिंह जीती, अमरजीत सिंह पिंकी, अमरजीत सिंह पप्पू, परविंदर सिंह लक्की, जुझार सिंह, भजन सिंह वालिया, ओंकार सिंह राजा, जसमीर सिंह मसी, दलजीत सिंह सरना, रमीत सिंह स्मार्टी चड्ढा और गुरमीत सिंह टिंकू और नेतृत्व के समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।