मुलाकात 

रात के आगोश में

ख्वाबों की महफिल में

यूं ही अचानक से मेरी

मुलाकात तुमसे हो गई।।

जिस राह चली मैं

उस राह मिले तुम

मेरे प्रतिबिंब रूप में

मैरी मुलाकात तुमसे हो गई।।

जब जब सजी मैं

आइने में खुद को देख कर

खुद की ही नजरों में मेरी

मुलाकात तुमसे हो गई।।

चेहरे की रंगत खिल गई

जब जब लब मुस्काए मेरे

हर ख्वाब मुकम्मल  होने लगा

जब मेरी मुलाकात तुमसे हो गई।।

मेरी हिम्मत बनकर तुमने

सुख दुख मेरा बांट लिया

ऐ मेरे जीवन साथी तुमको पाकर

जिंदगी में मेरी खुशियों की बरसात तुमसे हो गई।।

कशिश अडवाणी

जयपुर राजस्थान