राख से होती है गरुड़ की उत्‍पत्ति 

गरुड़  का जन्म भारतीय इतिहास के पन्नों में एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटना के रूप मे दर्ज है। ऐसी भविष्यवाणी की गई है कि वह आकाश का राजा होगा और पक्षियों का सेनापति बनेगा, लेकिन उसकी खतरनाक इरादों वाली मौसी कादरू (पारुल चौहान) उसकी किस्मत पलट देती है। अत्यधिक ईर्ष्‍या और द्वेष में वह अपनी बहन विनता (तोरल रासपुत्रा) को कपट से अपनी दासी बना लेती है, ताकि गरुड़ का जन्म अधीनता में हो और वह झुकने को मजबूर हो जाए। लेकिन जब विनता अपनी बुरी किस्मत को स्वीकार करना शुरू ही करती है, गरुड़ का जन्म होता है और उसके जन्म के साथ उम्मीद की जो किरण नजर आती है, उसकी विनता ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। 

विनता काफी लंबे समय से गरुड़ का इंतजार कर रही थी। इतने में ही कादरू उसके अंडे को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आ जाती है, लेकिन हैरतअंगेज रूप से राख से गरुड़ की उत्‍पत्ति होती है। उसका जन्म उसकी शक्ति और दृढ़ता स्मरण दिलाने के रूप में हुआ है, इससे ये पता चलता है कि पक्षियों का राजा अविनाशी है और वह कादरू के शैतानी इरादों को ध्वस्त करने आया है।