आँसू भावों की
अभिव्यक्ति है
हम नहीं कह पाते
वह आँसू कह जाते
आँसू हंसते भी हैं
आँसू रोते भी हैं
आँसू खुश भी होते
आँसू दुखी भी होते
प्रियतमा के आँसू
प्रेम की भाषा कहते
गरीब के आँसू
ग़रीबी का अहसास दिलाते
गृहणी के आँसू
परिवार के स्नेह को समेटते
भक्त के आँसू
भक्तिरस को दर्शाते
दुःख में जब
मित्र का हाथ
हो कंधे पर
झरझर बह जाते
आँसू
हृदय, मन पर
अंकुश रखता
अंतर्मन के उद्गार
कह जाते ये
बेजान आँसू
कभी -कभी आँसू
आंखों की खूबसूरती
भी बयां करते
आँसू ऐसी निज संपत्ती
जीवन के साथ बसते
जीवन के साथ सजते
जीवन के साथ ढलते
जीवन के साथ निर्वाण पाते
आँसू न होते तो
भावों का अस्तित्व
अधूरा रह जाता
और शायद हम भी
आँसू का झरना
दुख-सुख को केवल
प्रकट करना नहीं
कभी आँसू समस्या
तो कभी समाधान होते
आँसू में आस है
परिहास है
और अपनों का
अहसास है….
कुमुद दुबे
इन्दौर(म०प्र०)