संगीत की शक्ति से हम सभी परिचित हैं। एक ख़ूबसूरत और भावपूर्ण गाना एक टूटे हुए दिल को रफ़ू करने, आत्मा के घाव भरने और एक सामान्य दिन में ख़ूबसूरती जोड़ने की ताकत रखता है। विशाल मिश्रा द्वारा खूबसूरती से कम्पोज और मनोज मुंतशिर द्वारा लिखे गए इस गाने को कानों से सीधा दिल में उतरने से कोई नहीं रोक सकता। इस सूफ़ी गीत को विशाल मिश्रा और असीस कौर के द्वारा गाया गया है। रॉकस्टार का ‘कुन फाया कुन’ के बाद, आस्था और प्रेम पर आधारित, रूबरू हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया दरगाह पर शूट किया गया दूसरा गीत है।
निर्देशक फारुक कबीर ने साझा किया, “हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह पर अपनी फिल्म के लिए इस गाने की शूटिंग करना मेरा सपना था और मैं बहुत शुक्रगुजार हूं कि यह पूरा हो पाया।