स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई बनने लगा है एक्सीलेंस –

:: अब अपनी गति के साथ काम शुरू करने लगा है ::
इन्दौर । महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर से सम्बध्द नेत्र चिकित्सालय स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई, अब अपनी गति के साथ काम शुरू करने लगा है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशन में अधिष्ठाता डॉ. संजय दीक्षित के नेतृत्व में स्कूल ऑॅफ एक्सीलेंस फॉर आई चिकित्सालय में ओपीडी की सेवा प्रारंभ की गई थी।ओपीडी के प्रारंभ से लेकर अब तक बड़ी संख्या में नेत्र रोगी परीक्षण का लाभ उठा चुके है।
:: हुई अहम सर्जरी, रोशनी के साथ चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर लौटे मरीज ::
मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सा के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई संस्थान विविध नेत्र रोगों के उपचार एवं शल्यक्रिया हेतु स्थापित किया गया है। धीरे-धीरे कदम बढाते हुए यह अस्पताल अब अपनी उचित गति से काम कर रहा है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा ने बताया कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई, में बुधवार को भेंगापन (तिरछेपन) स्क्वींट की आक्युलोप्लास्टी की जटिल शल्यक्रिया की गई। एक 20 वर्षीय युवती बचपन से ही इस व्याधि से ग्रसित थी, आंखों के तिरछेपन के कारण मरीज की दृष्टि बाधित हो रही थी। इसे तकनीकी भाषा में लेजी आई कहते है। इस व्याधी के कारण नेत्र तिरछेपन के कारण शक्ल असामान्य प्रतीत होती थी और मरीज को सामाजिक तिरस्कार का सामना भी करना पड़ता था।
उक्त मरीज की सर्जरी जानी मानी अनुभवी प्रोफेसर डॉ. आभा वर्मा एवं के.जी.एम.सी लखनऊ से प्रशिक्षित सहायक प्रोफेसर डॉ. हिना भंडारी द्वारा निष्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. के.के. अरोरा, डॉ शालिनी जैन की टीम के सहयोग से की गई। इस किस्म की सौन्दर्य शल्यचिकित्सा में लगभग अनुमानित खर्च 60 हजार रूपये आता है। यह आपरेशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई, में फिलहाल पूर्णतः निःशुल्क किया गया हैं। भविष्य में अस्पताल सामान्य मरीजों को बेहद कम शुल्क पर एवं आयुष्मान मरीजों को निशुल्क शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबध्द है। अधिष्ठाता डॉ संजय दीक्षित ने बताया स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई को देश का उत्कृष्ट नेत्र चिकित्सालय बनाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा।