पहला स्वदेशी आईएनएस विक्रांत पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया, नौसेना को मिला नया फ्लैग

-समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज, लागत 20,000 करोड़ रुपये
कोच्चि । भारतीय नौसेना की सामरिक शक्ति में इजाफा करने के लिए को दूसरा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएसी) मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार की सुबह कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में आईएनएस विक्रांत को इसे देशसेवा में समर्पित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।’ यह बस पहला स्‍वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ही नहीं, समंदर पर तैरता किला है। आईएनएस विक्रांत का डिजाइन और निर्माण, सब कुछ भारत में ही किया गया है। पीएम मोदी ने नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया जो ब्रिटिश राज की परछाई से दूर है। इसमें बायीं ओर ऊपर की तरफ राष्‍ट्रध्‍वज और दायीं तरफ अशोक स्‍तंभ और उसके नीचे लंगर है।
मोदी ने आईएनएस विक्रांत की खासियतें बताते हुए कहा कि ‘यह युद्धपोत से ज्‍यादा तैरता हुआ एयरफील्‍ड है, यह तैरता हुआ शहर है। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रोशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फील्‍ड से बड़ा है। इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं।’
पीएम ने कोच्चि में कहा, ‘छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।’
पीएम मोदी ने कहा विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है। अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियों थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।
मोदी ने भारतीय नौसेना के नए ध्‍वज का भी अनावरण किया। पीएम ने कहा, ‘आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।’ आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘आप सभी नौसेना की परंपराओं से अवगत हैं, ‘ओल्ड शिप्स नेवर डाई’। 1971 के युद्ध में अपनी शानदार भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार, ‘अमृत-काल’ की उपलब्धि के साथ-साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बहादुर फौजियों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है।’
रक्षा मंत्री ने कहा ‘अमृतकाल’ के प्रारंभ में आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा के हमारे मजबूत संकल्प को दर्शाती है। आईएनएस विक्रांत आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत का एक असाधारण प्रतीक है।
एलीट क्‍लब में शामिल हो जाएगा भारत-
आईएनएस विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता है। आईएनएस विक्रांत का निर्माण, भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमईएस) द्वारा आपूर्ति किए गए स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके किया गया है। विक्रांत के जलावतरण के साथ, भारत के पास सेवा में मौजूद दो विमानवाहक जहाज होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
जहाज में अल्‍ट्रा-मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटीज के साथ पूरा मेडिकल कैंपस है। जिसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं। यह स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम होगा।
पीएम मोदी ने किया नेवी के नए निशान का अनावरण-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोचीन शिपयार्ड में मौजूद हैं। वह देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना को सौंपेंगे। यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। पीएम मोदी कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नए नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया। भारतीय नौसेना का नया निशान छत्रपति शिवाजी की नौसेना के चिन्ह से प्रेरित है, जो औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप है। भारतीय नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने इससे पहले कहा था कि आईएनएस विक्रांत हिंद प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान देगा।