2032 तक दुनिया का छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बन जाएगा भारत

नई दिल्ली । 2032 तक भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बन जाएगा। एक स्विस एजेंसी के अनुमान के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज विस्तार और नियामकीय सुधारों की वजह से भारतीय बीमा बाजार लगातार मजबूत हो रहा है। स्विस एजेंसी की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले एक दशक में भारत का बीमा प्रीमियम औसत 14 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ेगा।
रिपोर्ट में बताया गया कि देश में कुल इंश्योरेंस प्रीमियम अगले 10 सालों तक 14 फीसदी की दर से बढ़ सकते हैं। स्विस रे इंस्टिट्यूट ने आशा जताई कि इस साल देश की लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री 6.6 फीसदी की दर से और 2023 में 7.1 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। स्विस रे इंस्टिट्यूट अपने लेटेस्ट नोट में उल्लेख किया है कि देश में इंश्योरेंस प्रीमियम औसत रूप से 14 फीसदी की दर से वृद्धि हो सकती है।
वहीं, 2032 तक कुल प्रीमियम के मामले में भारत का इंश्योरेंस सेक्टर देश का छठवां सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, फिलहाल यह दुनिया में 10वें नंबर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के अंत तक पहली बार भारत में लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम 100 बिलियन डॉलर (8,00,000 करोड़ रुपये) का आंकड़ा पार कर सकता है।
भारत में बीमा कराने वालों की संख्या में हो रही वृद्धि के कई कारण हैं। दुर्घटनाएं और मृत्यु जीवन चक्र का अनचाहा सच है, चाहे आप देश या दुनिया के किसी भी हिस्से में रहते हों। भारतीय में बीमा व्यवसाय की शुरुआत लगभग दो शताब्दी पहले हुई थी। इसकी शुरुआत 1818 में हुई थी, लेकिन पश्चिम में बीमा व्यवसाय जितना शक्तिशाली और लोकप्रिय होने के लिए इसे अभी लंबा रास्ता तय करना है। उदाहरण के लिए, यूएसए में स्वास्थ्य बीमा भारत में स्वास्थ्य बीमा की तुलना में बहुत अधिक कस्टमर ओरिएंटेड है। वहां बीमाकर्ता के प्रीमियम और लाभ को अधिक अहमियत दी जाती है।
शुरुआत में बीमा कराने को लेकर भारत में लोगों में हिचकिचाहट थी, लेकिन अब लोग धीरे-धीरे इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। भारत निस्संदेह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है, लेकिन दूसरी तरफ यह कई बीमारियों का घर भी है। साथ ही यहां दुर्घटनाएं भी अधिक होती हैं। ऐसे में जीवन की अनिश्चितताओं को देखते हुए बीमा पॉलिसीज की तरफ लोगों की रुचि बढ़ी है।
एक बीमा पॉलिसी विभिन्न कार्य करती है और आपके लिए कई तरह के लाभ प्रदन करती है। बीमा कवरेज नुकसान के अनचाही और मुश्किल परिस्थियों के प्रभाव को कम करता है। यह वित्तीय संकट के दौरान आपको आर्थिक राहत देता है। यह न केवल बीमाधारक को वित्तीय संकट से बचाता है बल्कि इससे उत्पन्न होने वाले मानसिक तनाव को भी कम करता है।