दुनिया के किसी देश में जातिगत आरक्षण का ऐसा प्रावधान नहीं है, जैसा भारत में –

:: अ.भा. क्षत्रिय महासभा द्वारा जातिगत आरक्षण के विरोध में निकाली जा रही रथयात्रा का शहर में हुआ भव्य स्वागत ::
इन्दौर । दुनिया के किसी देश में जातिगत आरक्षण का ऐसा प्रावधान नहीं है, जैसा हमारे देश में है। भारतीय संविधान में भी कहीं भी जातिगत आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, लेकिन देश के राजनीतिक दलों ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के विपरीत, बार-बार संविधान में संशोधन कर आरक्षण के नाम पर देश एवं समाज को बांटने का काम किया है। जातिगत आधार पर 10 वर्षों के लिए दिया गया आरक्षण बढ़ाते-बढ़ाते 75 वर्ष तक चलाया जा रहा है। जातिगत आरक्षण समाज की कैंसर जैसी बीमारी है, जो देश की एकता, अखंडता को छिन्न-भिन्न कर देगी। आरक्षण देना ही है तो आर्थिक आधार पर देना चाहिए और जातीय आधार खत्म होना चाहिए। अ.भा. क्षत्रिय महासभा इसी जातिगत आरक्षण को खत्म करने, सामाजिक समरसता स्थापित करने और इतिहास से छेड़छाड़ करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने जैसी मांगों के समर्थन में जनमत जागरण के उद्देश्य से यह रथयात्रा निकाल रही है। यह यात्रा सात अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी।
अ.भा. क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. महेन्द्रसिंह तंवर, उपाध्यक्ष विजयसिंह परिहार एवं महामंत्री अनिल सिंह चंदेल ने आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति एवं बाहुलबलियों तथा कुछ राजनीतिक रूप से शक्तिशाली जातियों के दबाव के कारण संविधान के मौलिक स्वरूप, प्रस्तावना एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के खिलाफ जातिगत आरक्षण के बढ़ावा देने के लिए बार-बार संविधान में संशोधन कर देश एवं समाज को बांटने का काम किया गया है, जो न तो राष्ट्रीय हित में है और न ही देश के नागरिकों के हित में। महासभा ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी संसद सदस्यों के साथ सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को भी पत्र लिखकर मांग की है कि वर्तमान जातिगत आरक्षण नीति समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। महासभा ने सम्राट अनंगपाल, सम्राट मिहिर भोज एवं महाराणा प्रताप जैसे महान नेताओं के चरित्र को इतिहास में तोड़ मरोड़कर गलत तरीके से प्रस्तुत करने का भी विरोध किया है। महासभा ने ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है, जिन्होंने इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है। यह पूछे जाने पर कि गुर्जर और जाट समाज की तरह महासभा भी उग्र आंदोलन करेगी क्या तो ठा. तंवर ने कहा कि हम हिंसा और तोड़फोड़ में विश्वास नहीं करते। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सब पर विश्वास’ की नीति पर चल रहे हैं, भले ही इसमें देर लगे। अब तक इस रथयात्रा ने सात राज्यों में भ्रमण किया है और हर जगह यात्रा को व्यापक समर्थन मिला है। जल्द ही दक्षिण भारत में भी यह यात्रा प्रारंभ की जाएगी।
इसके पूर्व आज सुबह मेघदूत उपवन से प्रारंभ हुई देशव्यापी रथयात्रा का बापट चौराहे पर श्रीमती आयुषी देशमुख ने स्वागत कर शहर भ्रमण का शुभारंभ किया। मार्ग में विभिन्न मंचों से राजपूत प्रगति परिषद, सेंगर परिवार, राजपूत पेढ़ी, ब्राह्मण समाज, वैश्य समाज, महाराणा यूथ ब्रिगेड, करणी सेना, राजपूत चेतना मंडल, चंद्रपाल उस्ताद अखाड़ा सहित 40 से अधिक मंचों से रथयात्रा के स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से दीपेन्द्रसिंह सौलंकी, मुकेश गौतम, पप्पू ठाकुर, दुलेसिंह राठौर, गोविंदसिह परिहार, राहुलसिंह जादोन, मोहन सेंगर, मोहित ठाकुर. तुलसीराम रघुवंशी, सुरेन्द्रसिंह सेंगर, मनोज सोमवंशी, ऋषिराज सिसौदिया, अजयसिंह पंवार, रतनसिंह राजपूत, कमल चौहान, नवनीत सिसौदिया, रामविलास राजपूत, कृष्णपालसिंह चौहान एवं किशोर पंवार सहित बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। अनेक मंचों से नुक्कड़ सभाओँ को भी महासभा के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। बापट चौराहे के बाद यात्रा सुखलिया, तीन पुलिया, पाटनीपुरा, मालवा मिल चौराहा, यशवंत निवास रोड, हाईकोर्ट के सामने से होते हुए रीगल चौराहा पहुंची। रीगल चौराहे से यात्रा का काफिला पैदल मार्च के रूप में संभागायुक्त कार्यालय पहुंचा, जहां महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्रसिंह तंवर, उपाध्यक्ष विजयसिंह परिहार, प्रदेशाध्यक्ष रामवीरसिंह सिकरवार, महिला प्रदेशाध्यक्ष अंजनासिंह, कार्यकारी युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनुसिंह चौहान, विजयवर्गीय समाज की ओऱ से हरीश विजयवर्गी. ब्राह्मण समाज की ओर से आनंद पुरोहित एवं महासभा के नगर अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह सौलंकी ने ज्ञापन भेंट किया। यात्रा दोपहर बाद देवास होते हुए उज्जैन के लिए प्रस्थित हो गई। यात्रा के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अभिभाषक डी. पी. सिंह, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ग्रुप कैप्टन एवं 8-8 विश्व रिकॉर्डधारक डॉ. कुंवर जयपाल सिंह चौहान, अयोध्या पीठाधीश्वर जगतगुरु बालमुकुंदाचार्य, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ठा. रामवीर सिंह सिकरवार, महिला प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंजना सिंह राजावत सहित विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी भी साथ चल रहे हैं।