इन्दौर। मांलवाचंल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा रविवार, 9 जुलाई को दोपहर 12 बजे मरीमाता चौराहा से महेश्वर के लिए प्रस्थित होगी। शहर के अनेक प्रमुख संत, विद्वान एवं राजनेता इस यात्रा को बिदाई देंगे। इस बार कावड़ यात्रा के साथ तीन प्रमुख झांकियों का कारवां भी साथ रहेगा। इन्दौर से महेश्वर तक बसों से पहुंचकर करीब 3 हजार श्रद्धालु सोमवार को सुबह 7 बजे देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण, मां नर्मदा का 151 लीटर दूध से अभिषेक एवं 1200 मीटर लंबी चुनरी समर्पित कर अपनी महाकालेश्वर तक की पैदल कावड़ यात्रा का विधिवत शुभारंभ करेंगे।
यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला एवं यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सौलंकी ने बताया कि कावड़ यात्रा में अब तक करीब 3 हजार श्रद्धालुओं के पंजीयन हो चुके हैं, जिनमें 5 दिव्यांग भी शामिल हैं। यात्रा के साथ इस बार तीन झांकियों सहित एक डिजीटल रथ भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेगा। यात्रा रविवार को दोपहर 12 बजे मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर अभिषेक, पूजन के बाद बसों से महेश्वर के लिए प्रस्थित होगी। महामंडलेश्वर दादू महाराज एवं महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा के सानिध्य एवं महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन, पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा के आतिथ्य में शहर के अनेक जन प्रतिनिधि इस यात्रा को बिदाई देंगे। अब तक 3 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने पंजीयन करा लिए हैं। इनमें 5 दिव्यांग भी शामिल हैं। महेश्वर में सोमवार को सुबह 7 बजे देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण, मां नर्मदा का 151 लीटर दूध से अभिषेक एवं 1200 मीटर लंबी चुनरी समर्पण के बाद कावड़ यात्रा महाकालेश्वर उज्जैन के लिए प्रस्थित होगी।
:: महाकालेश्वर की साक्षी में मूषक राज करेंगे नृत्य, तीन झांकियां रहेंगी शामिल ::
बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार भगवान भोलेनाथ की साक्षी में मूषकराज गणेशजी के समक्ष नृत्य करते हुए, महाकालेश्वर को तीर्थ भ्रमण कराते हुए गणेशजी एवं राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा लाड़ली बहना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनाओं के माध्यम से आए बदलाव की झांकियां भी शामिल रहेंगी। प्रख्यात भजन गायक श्रीधर झरकर एवं गन्नू महाराज इस यात्रा में अपने भजनों से भक्तिभाव का माहौल बनाए रखेंगे। इसके अलावा यात्रा जहां-जहां रात्रि विश्राम के लिए रूकेगी, वहां-वहां प्रतिदिन सुबह पंद्रह मिनट के लिए योग, ध्यान शिविर एवं पौधरोपण तथा रात्रि में सुंदरकांड के पाठ एवं भजन संकीर्तन के आयोजन होंगे। जो डिजीटल रथ बनवाया जा रहा है, उसमें राज्य सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए तीर्थदर्शन एवं हवाई जहाज से धर्मस्थलों की यात्रा के साथ ही धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव के लिए राज्य शासन की कल्याणकारी योजनाओं का विवरण भी रहेगा। महाकाल लोग एवं ओंकारेश्वर की तस्वीर बदलने की दिशा में हो रहे प्रयासों की जानकारी भी दी जाएगी।
:: आठ दिनमें पूरी होगी यात्रा ::
महेश्वर से महाकालेश्वर तक की लगभग 190 किलोमीटर की यह यात्रा करीब 8 दिनों में पूरी होगी। उज्जैन में सोवमार, 17 जुलाई को भगवान महाकालेश्वर से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना के साथ जलाभिषेक किया जाएगा। यात्रा 10 जुलाई को महेश्वर से प्रारंभ होकर शाम को गुजरी, 11 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 12 जुलाई को मानपुर से महू, 13 जुलाई को महू से इन्दौर, 14 जुलाई शुक्रवार को इन्दौर में नगर भ्रमण के बाद रेवती रेंज, 15 जुलाई शनिवार को पंथपिपलई और 16 जुलाई को पंथपिपलई से उज्जैन पहुंचने के बाद सोमवार 17 जुलाई को सुबह 4 बजे उज्जैन में महाकालेश्वर के जलाभिषेक के साथ समापन होगा।