मुंबई । बारामती लोकसभा सीट पवार खानदान का गढ़ मानी जाती है। भारतीय जनता पार्टी बीते तीन चुनावों से लगातार पवार के इस किले को भेदने की कोशिश कर रही है, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बारामती से राकांपा(एसपी) प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले मैदान में हैं,तो दूसरी तरफ उन्ही की भावी यानी अजित पवार की पत्नी सुनेत्र पवार एनडीए की तरफ से मैदान में उतरना लगभग तय है। इसका मतलव है कि बारामती से ननद भाभी में कांटे का मुकाबला होगा। सुनेत्र की जीत भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। हर हाल में भाजपा इस सीट को जिताने के लिए रणनीति बनी रही है। इसके लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस चक्रव्यूह रच रहे हैं। उन्होंने भाजपा के कार्यर्ताओं से कहा है कि सभी तरह के मतभेद भुलाकर एक साथ जोरदार रैली करें।
दरअसल अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर एनडीए में शामिल होने वाले अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा बारामती लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद सुले के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का अपने पति की चचेरी बहन से मुकाबला करना लगभग तय है। हालांकि, शिवसेना और बीजेपी नेताओं से पुरानी दुश्मनी अजित पवार के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है। शरद पवार के खिलाफ वर्चस्व साबित करने और पार्टी पर पकड़ बनाए रखने के लिए अजित पवार इन दिनों बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। हालांकि उनके एनडीए सहयोगियों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। एनडीए साझेदारों ने सबसे पहले महादेव जानकर के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) को गठबंधन में वापस लाने में कामयाबी हासिल की है। वह शरद पवार के जरिए विपक्षी इंडिया गठबंधन की ओर बढ़ रहे थे।
यदि खबरों की मानें तो फडणवीस भाजपा नेताओं को अजित पवार के साथ मतभेदों को दूर करने की अपील कर रहे हैं। साथ ही एनडीए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कह रहे हैं। वह इस हफ्ते बारामती के इंदापुर में रैली करेंगे और पार्टी नेता हर्षवर्द्धन पाटिल को इसका प्रभारी बनाएंगे। पाटिल और उनकी बेटी ने इंदापुर में सहयोगी साझेदारों द्वारा धमकी दिए जाने पर सार्वजनिक रूप से गुस्सा व्यक्त किया था। इससे पहले, भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल को हस्तक्षेप करना पड़ा और बारामती शहर में पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी पड़ी। बैठक में उन्होंने कहा था, हम शरद पवार की हार चाहते हैं। बारामती में शरद पवार की हार से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के उम्मीदवार के लिए काम करने की अपील की। साथ ही उन्होंने गठबंधन को लेकर भाजपा और उसके नेताओं को दो बार धोखा देने के लिए शरद पवार से बदला लेने के लिए कहा था।इस बीच, एनडीए नेता शिवसेना के पूर्व विधायक विजय शिवतारे को मनाने में विफल रहे। पुरंदर से पूर्व शिवसेना विधायक शिवतारे ने घोषणा की है कि वह राकांपा संस्थापक शरद पवार के परिवार के गृह क्षेत्र बारामती से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, मेरे खिलाफ पार्टी की कार्रवाई के बावजूद, मैंने बारामती सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मैंने पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे को अपनी राय से अवगत कराया है कि निर्वाचन क्षेत्र पर पवार परिवार, शरद पवार या अजित पवार की पकड़ को समाप्त किया जाना चाहिए।