150 प्रकार का होता है गठिया, विश्व गठिया रोग दिवस पर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया

इन्दौर गठिया 150 प्रकार का होता है, जिसका संबंध सिर्फ जोड़ों से ही नहीं होता है, बल्कि यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। एक बार गठिया होने पर यह जीवनभर साथ रहता है। यह बात रूमेटोलाजिस्ट डा. सौरभ मालवीय ने विश्व गठिया रोग दिवस के अवसर पर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। कार्यक्रम आयोजित गठिया पर विजय प्राप्त कर चुकी मैनेजमेंट प्रोफेशनल इशिता ने कहा कि हमारे शरीर की क्षमताएं असीमित हैं। शरीर वह सब कुछ करने की क्षमता रखता है, जो आपका दिमाग उससे करने के लिए कहता है। इसलिए अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए बस आपको एक बार दृढ़ निश्चग करने की जरूरत है। इशिता ने अपनी कहानी बताते कहा कि कम उम्र में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण में वेंटिलेटर पर पहुंच गई थी। जब स्वस्थ हुई तो मैंने नई शुरुआत की। एक साल में मैंने न सिर्फ अपना 30 किलो वजन कम किया बल्कि लद्दाख मैराथन भी पूरी की। कार्यक्रम में गुड़गांव से आए सीनियर क्लीनिकल इम्यू‌नोलाजिस्ट डा. सुमित अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल साइंस का पूरा कांसेप्ट अब बदल रहा है। हम बीमारियों को जल्दी पहचान कर उनके एग्रेसिव ट्रीटमेंट पर फोकस कर रहे हैं, ताकि मरीज को जल्द से जल्द राहत दिलाई जा सके। कार्यक्रम में डा. मीतू अग्रवाल, डा. काव्या रावत आदि ने भी अपनी बात रखी ।