नई दिल्ली । भारत के टॉप ग्रिड ऑपरेटर ने गर्मी के मौसम में देश भर में होने वाले पावर कट को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक मई और जून में भारी मांग के बीच बिजली की भयंकर किल्लत हो सकती है और इस दौरान पावर कट का रिस्क सबसे ज्यादा होगा। नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) ने बिजली की आपूर्ति और इसकी खपत को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक मई-जून में देश में बिजली की मांग 15 से 20 गीगावाट तक पहुंच सकती है। एनएलडीसी के मुताबिक मई में यह डिमांड सबसे ज्यादा होगी और इस मांग को पूरा करना बेहद मुश्किल होगा।
अनुमान के मुताबिक लगभग एक-तिहाई संभावना है कि मई में औसत आपूर्ति नहीं की जा सकेगी। वहीं जून में बिजली की पूरी आपूर्ति ना हो पाने की 20 फिसदी संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है, अक्सर मई और जुलाई में मांग पूरी नहीं हो पाती है। मांग और आपूर्ति के बीच 15 गीगावाट से अधिक का अंतर हो जाता है। मई, जून, जुलाई और अगस्त 2025 में गैर-सौर घंटों के दौरान कमी होने की अधिक संभावना है। एनएलडीसी के मुताबिक इस साल गर्मियों में अधिकतम मांग 270 गीगावाट रहने का अनुमान है। वहीं पिछले साल 250 गीगावाट बिजली की मांग थी। एनएलडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यमों को जल्द से जल्द इंस्टॉल करने की जरूरत है। वहीं मांग-पक्ष में कुछ उपाय, जैसे लोड शिफ्टिंग रणनीति मदद कर सकते हैं।