भोपाल। राजधानी के गोविंदपुरा थाना इलाके से साल 2019 में 14 साल की नाबालिग किशोरी को अगवा कर उसे सीहोर ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए अदालत ने उम्रकैद की सजा से दण्डित किये जाने की की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायधीश पॉक्सो एक्ट कुमुदिनी पटेल की कोर्ट ने सुनाया है। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला और ज्योति कुजूर ने पैरवी की थी। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 में 9 दिसंबर को पीड़िता के पिता ने गोविंदपुरा थाने पहुंचकर बताया कि उनकी 14 साल की नाबालिग बेटी को आरोपी शरीफ अता दूध लेने का कहकर अपने साथ ले गया था, जो वापस नहीं लौटा था। आरोप शरीफ किशोरी के भाई के दोस्त का मुंह बोला चाचा था। जो घटना के आठ दिन पहले से पीड़िता के घर में रह रहा था। पुलिस ने दो दिन बाद लापता किशोरी को सीहोर से दस्तयाब किया था। अपने बयानो में पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे दूध दिलाने का कहकर जबरन अपने साथ नादरा बस स्टैंड ले गया और वहां से सीहोर लेकर चला गया। सीहोर में एक वृद्व महिला के कमरे में उसे बंधक बनाकर रखते हुए ज्यादती की। किशोरी के बयानों के आधार पर पुलिस ने धारा 363, 366, 376 (3) भादवि 3/4, 5/6 पॉक्सो एक्ट व 3(2)5 एससीएसटी एक्ट की धाराओ में मामला दर्ज कर जॉच के बाद चालान कोर्ट में पेश किया था।