भोपाल । नारियल खेड़ा पंच कल्याणक में पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि सत्य को जानना और पहचानना, सत्य को जीना सामान्य जीव का कार्य नहीं, ये पुण्यात्मा साधु पुरुष ही कर सकता है। जीवन में कल्याण और जीवन को सार्थक बनाना चाहते हो तो स्वयं के अंदर सत्य को उदघटित करो ये उद्गार नारियल खेड़ा पंचकल्याण महोत्सव के मंच से पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने व्यक्त करते हुए कहा पुण्य का कवच बहुत मोटा होता है। इसकी सत्ता का भोग महान पुण्यात्मा को प्राप्त होता है। आचार्य श्री ने कहा – क्षमा विश्व शांति के लिए प्रबल सूत्र है। पर से क्षमा मांगना बहुत सरल है, क्षमा स्वयं के परिणामों से भी मांगो, क्योंकि स्वयं की कषाय से आत्मा मलिन होती है। उन्होंने कहा जगत के दुख और दुखी जीवों को देखकर दुखी मत हो, उन्हें दूर करने का प्रयास करो, यही ज्ञानी जीव की पहचान है। दुख में ज्ञान और वैराग्य की शक्ति मंद पड़ जाती है। जो वस्तु का स्वभाव है। वही धर्म है,आत्मा का धर्म ज्ञान दर्शन है। गर्भ कल्याणक की आराधना की गई। माता बनी आशा प्रकाश सिंघई की गोद भराई की रस्म हुईं। पंडित राजेश राज के निर्देशन मे अनुष्ठान हुए। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया माता के सोलह सपनों के सजीव चित्रण के साथ अष्ट कुमारियों द्वारा मां की सेवा, ओर सोधरम इंद्र के आसान कंपायन की प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर देश के विभिन्न शहरों से आए समाज के लोगों ने आचार्य श्री को चातुर्मास हेतु श्री फल भेंट किए। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया आज सोमवार को जन्म कल्याणक की आराधना के साथ जन्माभिषेक, शोभा यात्रा और जन्म के बाद प्रथम जन्म अभिषेक होगा। इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज बांगा, पूर्व अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु, मंदिर समिति के अध्यक्ष शरद जैन, पंचकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष संतोष कुंदन, पार्षद देवेंद् भार्गव, अजय ज्योतिष, पंकज इंजिनियर, नरेंद्र, वंदना, सुकेश जैन, आलोक जैन, दिलीप मंगू, मुकेश जैन, विनोद जैन, आर एन जी तेज कुमार जैन, मनोज जैन एडवोकेट, संतोष जैन, विनोद जैन, सुरेश जैन, रितेश जैन, गोल्ड सहित अनेक धर्म लंबी मौजूद थे।