भोपाल। आज भोपाल की आजादी का दिन है। 1 जून 1949 यानी 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद होने के दो साल बाद भोपाल को आजादी मिली थी। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने भोपाल गेट पर और जुमेराती डाकघर पर तिरंगा फयराया और आसमान में गुब्बारे छोड़कर आजादी के जश्न की शुरुआत की। इसके पूर्व बलिदानियों के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके संघर्ष काल की घटनाओं का जिक्र किया। सांसद शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि भोपाल को स्वतंत्र होने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। नबाव से बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी। इसके लिए बालकृष्ण गुप्ता (नई राह) रतन कुमार गुप्ता, प्रो अक्षय कुमार जैन, पंडित उद्धवदास मेहता, जमुनाप्रसाद मुखरैया, मास्टर लाल सिंह, मथुरा बाबू सहित आजादी के संघर्ष में योगदान देने वालों के चरित्र पर प्रकाश डाला। सांसद शर्मा ने अपने ओजस्वी भाषण में बोरास में हुए गोलीकांड में बलिदान हुए रामप्रसाद, छोटे सिंह, धनसिंह मंगल सिंह और कालूराम का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक-एक करके युवा तिरंगा थामते हुए शहीद हो गए। नबाव की पुलिस ने उनके सीने को गोलियों से छलनी कर दिया लेकिन देशभक्त युवाओं ने तिरंगे को झुकने नहीँ दिया। सांसद शर्मा के भाषण के दौरान मौजूद लोगों ने कई बार भारत माता की जय का उद्घोष किया। उन्होंने बताया कि भोपाल नबाव हमीदुल्ला ने जुमेराती डाकघर पर झंडा फहराने वालों को गिरफ्तार कराया था। बोरास में झंडा फहराने पर गोलियां चलवाईं जिसमें पांच युवा शहीद हो गए थे। सांसद शर्मा ने कहा कि भोपाल की आजादी के संघर्ष की कहानी को स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना चाहिए इसके लिए वे स्कूल शिक्षा मंत्री से चर्चा करेंगे। सांसद शर्मा ने कहा महापौर मालती राय से कहा कि बलिदानी रतन कुमार गुप्ता की प्रतिमा जुमेराती डाकघर में स्थापित करने के लिए नगर निगम में संकल्प प्रस्ताव पारित करें। साथ ही सांसद शर्मा ने कहा कि यहां संग्रहालय बनना चाहिए जिसमें भोपाल की आजादी में योगदान देने वालों का इतिहास दर्ज हो जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके और भोपाल के इतिहास से अवगत हो सके। नारी शक्ति के संघर्ष को किया याद सांसद शर्मा ने बताया कि भोपाल को आजाद कराने में नारीशक्ति के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनका संघर्ष अद्वितीय था। सांसद शर्मा ने मोहिनी देवी, चंपा चारु जैसी कई बहनों के योगदान की चर्चा की। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भोपाल को आजाद होने में दो साल का वक्त लगा। कई लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। भोपाल के नबाव ने तिरंगा फहराने पर लोगों को गिरफ्तार कराया। गोलियां चलवाई। ऐसा व्यक्ति देश भक्त नहीं हो सकता, वह देश द्रोही था। उसके नाम पर शहर में हमीदिया कॉलेज और हमीदिया अस्पताल नहीं होना चाहिए। हम सांसद शर्मा के साथ मिलकर इनके नाम परिवर्तन का प्रयास करेंगे।
संग्रहालय के लिए प्रस्ताव लाएंगे भोपाल गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर मालती राय ने बलिदानियों के संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य होगा कि मेरे कार्यकाल में भोपाल को आजाद कराने के संघर्ष में योगदान देने वाले महान देशभक्तों का संग्रहालय बने। इसके लिए मैं नगर परिषद में प्रस्ताव लेकर आऊंगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने अपने संबोधन में भोपाल सांसद आलोक शर्मा को शहर की आन बान और शान बताते हुए कहा कि भोपाल के आजादी दिवस को भोपाल का गौरव दिवस के रूप में मनाने का श्रेय यदि किसी को जाता है तो वह है आलोक शर्मा। आज हम सब भोपाल की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर भोपाल गेट पर भोपाल की आजादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन करने एकत्रित हुए हैं। कार्यक्रम में भोपाल की आजादी के अविस्मरणीय पलों को दिखाती एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिसका सांसद शर्मा व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया और अवलोकन किया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारजन एवं भोपालवासी उपस्थित रहे।