नई दिल्ली । पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र ने खुफिया एजेंसियों के साथ हाई-लेवल बैठक कर एक बड़े ऑपरेशन की शुरुआत की। ऑपरेशन के तहत देशभर की सुरक्षा एजेंसियों को करीब 1500 संदिग्धों की एक सूची साझा की गई, जिसे विभिन्न एजेंसियों द्वारा साझा की गई जानकारियों के आधार पर तैयार किया था। जांच के दौरान सामने आया कि इस सूची में शामिल कई लोग सरकारी विभागों और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हुए थे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इसमें से लगभग 30 लोगों के तार सीधे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नेटवर्क से जुड़े थे। यह जासूसी नेटवर्क केवल सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसमें आम नागरिक, छात्र, यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी शामिल थे। इसके बाद शुरु हुआ एक्शन देश के अलग-अलग हिस्सों से अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इन गिरफ्तारियों के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी रखी जा रही है। अनुमान है कि नेटवर्क से जुड़े और भी लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपी…
ज्योति मल्होत्रा: करनाल निवासी यूट्यूबर ज्योति पर एन्क्रिप्टेड एप के जरिये सीमावर्ती इलाकों के वीडियो और फोटो पाकिस्तानी हैंडलर को भेजने का आरोप है। वह पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी के संपर्क में थी और उसने पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और षड्यंत्र कानूनों के तहत गिरफ्तार ज्योति अभी पुलिस हिरासत में है।
जसबीर सिंह उर्फ जान महल: जसबीर पंजाब के तरनतारन का एक यूट्यूबर है। जसबीर को 150 से अधिक पाकिस्तानी लोगों के साथ संपर्क बनाने और संदिग्ध तरीके से पैसे प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
शकूर खान: राजस्थान के जैसलमेर का एक सरकारी अधिकारी, जो कि पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं। वॉट्सएप के जरिये आईएसआई हैंडलर्स को बॉर्डर से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
देवेंद्र सिंह ढिल्लों: रोहतक निवासी 25 वर्षीय छात्र दवेंद्र पर करतारपुर कॉरिडोर के द्वारा पाकिस्तान जाने के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें और दूसरी डिटेल साझा करने का आरोप है।
मोहम्मद मुर्तज़ा अली: जालंधर निवासी अली पर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित करने और उसका उपयोग करने का आरोप है।
मोहम्मद तारीफ: हरियाणा के मेवात स्थित तावड़ू में रहने वाले तारीफ को भारतीय सैन्य तैनाती और भारतीय वायुसेना के ठिकानों से जुड़े वीडियो पाकिस्तानी उच्चायोग से जुड़े संचालकों के साथ शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया! अरमान : हरियाणा के ही नूह निवासी 26 वर्षीय अरमान को सैन्य प्रदर्शनियों और रक्षा स्थानों से तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान उच्चायोग में संचालकों को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया। वह मोहम्मद तारीफ के समान जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था।
अमृतसर के मजदूर: पंजाब के कई दिहाड़ी मजदूरों को बुनियादी सैन्य ढांचे और तैनाती के विवरण लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
रवींद्र मुरलीधर वर्मा: महाराष्ट्र के ठाणे का 27 वर्षीय रवींद्र पेशे से ठेकेदार है, जो नेवी से जुड़े ठेके लेता था। आरोप है कि वर्मा ने वॉट्सएप के जरिये पाकिस्तान स्थित हैंडलर को नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां लीक कीं। इसमें 14 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के स्केच और ऑडियो नोट्स शामिल हैं।
शहजाद: रामपुर के व्यापारी शहजाद पर तस्करी का धंधा चलाने का आरोप है, जो पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी नेटवर्क का भी काम करता है।
पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी: पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात आसिफ बलोच और जफर ने पूरे जासूसी नेटवर्क का जाल बिछाया। ये दोनों इस पूरे नेटवर्क को सीधे मैनेज कर रहे थे। खुफिया रिपोर्टों में उनका नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर फिर अवांछित घोषित करते हुए भारत से निकाल बाहर किया गया।
माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं। राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय लगातार जारी है।