भारत का डर: कर्ज लेकर हथियार खरीद रहा पाकिस्तान, रक्षा बजट में की 18 प्रतिशत की वृद्धि!

नई दिल्ली। रात हो या दिन पाकिस्तान को दिल और दिमाग में भारत ही बैठा हुआ है। सोते जागते उसे लगता है कि भारत ने हमला कर दिया। इस डर को दूर करने के लिए पाकिस्तान रक्षा के क्षेत्र में अपना बजट बढ़ाने जा रहा है। चर्चा है कि पाकिस्तान की सरकार अपने रक्षा बजट में 18 फीसदी का इजाफा कर सकती है। यह फैसला उसकी ओर से तब लिया जा रहा है, जबकि देश की हालत कर्ज के बोझ से पतली है। पाकिस्तान का रक्षा बजट 2,500 अरब रुपये का हो सकता है।
में सोमवार को जो आर्थिक समीक्षा पेश की गई, उसके अनुसार देश पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ते हुए 76,007 अरब रुपये हो गया है। यह आंकड़ा बीते 4 सालों में ही बढ़ते हुए दोगुना हो गया है। 5 साल पहले ही पाकिस्तान का कुल कर्ज 39,860 अरब रुपये था। वहीं एक दशक पहले यह 17,380 अरब रुपये था। इस तरह बीते एक दशक में ही पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ 5 गुना बढ़ गया है। पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बाहरी होने के साथ ही घरेलू भी है। पाकिस्तान पर घरेलू कर्ज कुल 51,518 अरब रुपये है, इसके अलावा बाहरी कर्ज 24,489 अरब रुपये है। यह इजाफा पाकिस्तान की जनता के लिए चिंताजनक है, जहां बड़ी आबादी मूल सुविधाओं की किल्लत से गुजर रही है। वहां देश की सेना पर खर्च में 18 पर्सेंट का इजाफा हो सकता है। इससे देश में सेना की ताकत में और इजाफा हो जाएगा। पाकिस्तान की आर्थिक सेहत चिंता का विषय रही है। आर्थिक सर्वे में साफ किया गया है कि कर्ज का तेजी से बढ़ता बोझ देश में आर्थिक संकट बढ़ा सकता है। देश पर कर्ज के ब्याज का भी बोझ बढ़ सकता है। इसके अलावा देश की आर्थिक स्थिरता पर भी खतरा होगा। सर्वे में स्पष्ट किया गया है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो फिर पाकिस्तान लंबे समय में आर्थिक अस्थिरता के दौर में जा सकता है। इससे सामाजिक कल्याण की योजनाओं से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पर असर होगा। फिर भी सेना पर खर्च में इजाफे से साफ है कि पाकिस्तान की प्राथमिकता जनता के कल्याण और विकास से ज्यादा युद्धोन्माद पर है।