नई दिल्ली । संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले आज रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य संसद सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलों से सहयोग प्राप्त करना था।
बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री और एनडीए व विपक्ष के सांसद शामिल हुए हैं। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा व पारित किए जाने की योजना है। यहां बैठक में पहुंचे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी इस सत्र में कई संवेदनशील मुद्दों को उठाएगी। इनमें पहलगाम की घटनाएं, सीमा पर संघर्ष, डोनाल्ड ट्रंप का भारत-पाक सीजफायर दावा और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। गोगोई ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इन मुद्दों पर संसद के माध्यम से देश को जवाब दें।
संसद में 8 प्रमुख विधेयक होंगे पेश
सरकार ने संसद के मानसून सत्र में 8 विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है। इन विधेयकों में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक शामिल है। ये बिल देश की सांस्कृतिक धरोहर, खेल नीति और खनन क्षेत्र से जुड़े नियमों में बदलाव को लेकर अहम माने जा रहे हैं।
सरकार की प्राथमिकता: सत्र बिना बाधा के चले
केंद्र सरकार चाहती है कि मानसून सत्र के दौरान आवश्यक विधायी काम बिना किसी व्यवधान के पूरे हों। इसके लिए बैठक में सभी दलों से सहयोग की अपील की गई है। अब देखना होगा कि विपक्ष और सरकार के बीच इन ज्वलंत मुद्दों पर कितना संवाद होता है और आगामी मानसून सत्र कितना प्रभावी ढंग से आगे बढ़ता है।