(इन्दौर) खसरा और रूबेला रोग से मुक्त बनाने के लिये जनवरी-फरवरी में चलेगा अभियान –

:: वर्ष 2020 तक देश-प्रदेश को खसरा से मुक्त करने का लक्ष्य ::
इन्दौर (ईएमएस)। प्रदेश के बच्चों को खसरा और रूबेला रोग से मुक्त बनाने के लिये जनवरी-फरवरी-2019 में अभियान चलाया जायेगा। भारत सरकार द्वारा इस अभियान में वर्ष 2020 तक 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों के खसरा रोग निर्मूलन और रूबेला रोग नियंत्रण के लिये लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. पल्लवी जैन ने पिछले दिनों भोपाल में आयोजित बैठक में अभियान की गत दिवस भोपाल में तैयारियों की समीक्षा की।
प्रदेश में वर्ष 2010 से 2017 के बीच खसरा रक्षक अभियान चलाकर 9 माह से 10 वर्ष की आयु के डेढ़ करोड़ बच्चों को खसरा का अतिरिक्त टीका सफलतापूर्वक दिया जा चुका है। पूर्व वर्षों में टीकों के ही माध्यम से स्माल पॉक्स (चेचक) का वर्ष 1978, पोलियो का वर्ष 2014 और मातृ-नवजात शिशु टिटनेस बीमारी का वर्ष 2015 से निर्मूलन किया जा चुका है।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि खसरा-रूबेला टीकाकरण के लिये विस्तृत रणनीति तैयार की गई है। जिस बच्चे को खसरे का टीका (एमसीव्ही-1) लग चुका है, उसको कम से कम एक माह बाद 16-24 माह पर एमसीव्ही-2 देना होगा। नौ माह की उम्र होने पर खसरा टीके के स्थान पर खसरा-रूबेला (एमआर) वैक्सीन दी जायेगी। भविष्य में खसरा के स्थान पर एमआर वैक्सीन जिलों को भेजी जायेगी। इससे दो बीमारियों का बचाव होगा। अभियान के लिये संबंधित विभागों के साथ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अद्यतन होता रहेगा।
उमेश/पीएम/13 दिसम्बर 2018