नई दिल्ली (ईएमएस)। महाराष्ट्र की 1 लाख आंगनवाड़ियों मे 61 लाख लाभार्थियों में से लगभग 8 लाख लाभार्थी फर्जी साबित हुए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार आधार नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन के बाद फर्जी लाभार्थियों की पहचान हुई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 6 साल से छोटे बच्चों को कुपोषण से राहत देने के लिए आंगनवाड़ी तथा ग्रामीण बाल देखभाल केंद्र स्थापित करती है। जहां स्तनपान कराने वाली माताओं को भी पौष्टिक आहार दिया जाता है। राज्य सरकार हर बच्चे को प्रतिदिन के खाने के लिए 8 रुपए खर्च करती हैं। आंगनवाड़ी केंद्रों में यह फर्जीवाड़ा पिछले कई वर्षों से चल रहा था।
एसजे/गोविन्द/17दिसम्बर