यूनिट में कैंसर के सर्जन और फिजीशियन होंगे
भोपाल (ईएमएस)। राजधानी के सबसे बडे सरकारी अस्पताल हमीदिया में कैंसर मरीजों को बडी सुविधा मिलने जा रही है। इस अस्पताल में कैंसर यूनिट बनाई जाएगी। इस यूनिट में कैंसर के सर्जन और फिजीशियन भी होंगे, जो मरीजों का इलाज करेंगे। इस संबंध में गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की स्वशासी समिति में प्रस्ताव लाया गया है। प्रस्ताव को समिति ने सैद्घांतिक सहमति दी है। साथ ही यूनिट तैयार करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। जीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि पहले कैंसर के फिजीशियन और सर्जन के पद सृजित करने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। बाद में तय किया गया कि पद तैयार करने के साथ ही कैंसर की पूरी यूनिट तैयार की जाए। इससे कैंसर मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में नहीं जाना होगा।
बता दें कि अभी शहर के किसी भी सरकारी अस्पताल में कैंसर के इलाज की सुविधा नहीं है। एम्स में कैंसर का विभाग है, पर अभी तक अलग से वार्ड नहीं बना है। रेडियोथैरेपी यूनिट भी शुरू नहीं हो पाई है। जेपी अस्पताल में सिर्फ कीमोथैरेपी की सुविधा है। हमीदिया अस्पताल में कैंसर विभाग के नाम पर सिर्फ रेडियोथैरेपी विभाग है। 30 बेड का वार्ड है जहां मरीजों की रेडियोथैरेपी की जाती है। कैंसर का कोई डॉक्टर नहीं है। पहले एक निजी डॉक्टर से हफ्ते में एक-दो दिन आने के लिए अनुबंध किया गया था। करीब आठ साल से कोई डॉक्टर नहीं आ रहा है। सिकाई के लिए कोबाल्ट मशीन है जो 35 साल पुरानी होने की वजह से बार-बार खराब हो रही है। इसके अलावा ब्रेकी थैरेपी से सिकाई की सुविधा है। बैठक में न्यूरोलॉजी का अलग से विभाग बनाने का निर्णय भी लिया गया। हमीदिया में अभी चार न्यूरोलॉजिस्ट हैं। एम्स भोपाल में भी इतने न्यूरोलॉजिलस्ट नहीं हैं। यह सभी मेडिसिन विभाग के अधीन हैं। उन्हें न्यूरोलॉजी के अलावा मेडिसिन के मरीज भी देखने होते हैं।
सुदामा/19दिसंबर2018