एथेनाल उत्पादन शुरू करने के लिए चीनी मिलों को 7400 करोड़ सस्ता कर्ज देगा केंद्र

नई दिल्ली । सरकार एथेनॉल उत्पादन शुरू करने के लिए चीनी मिलों को 7,400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज कम ब्याज पर देने की तैयारी कर रही है। सरकार का यह कदम हाल ही में शुरू की गई, योजना के तहत है। खाद्य मंत्रालय जून में शुरू की गई इस योजना के तहत यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रहा है कि गैर-शीरा-आधारित भट्टियां भी नई एथेनॉल निर्माण क्षमता को स्थापित करने और उसका विस्तार करने के लिए सस्ता ऋण लेने में सक्षम हो सकें। इस योजना के तहत सरकार ने 4,400 करोड़ रुपए के सस्ता ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की है और पांच साल की अवधि के लिए मिलों को 1,332 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता प्रदान की घोषणा की है।
इसमें एक साल की भुगतान नहीं करने की छूट की अवधि भी है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय को 13,400 करोड़ रुपये के सस्ते ऋण के 282 आवेदन मिले हैं। इसमें से 6,000 करोड़ रुपये की ऋण राशि के 114 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। सूत्रों ने आगे कहा कि मंत्रालय शेष 168 आवेदनों के लिए और 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आसान ब्याज वाले ऋण को मंजूरी देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने की योजना बना रहा है।

किसानों का मिलेगा लाभकारी मूल्य
गन्ने से निकाले गए एथेनॉल का उपयोग पेट्रोल में मिश्रण के लिए किया जाएगा और गन्ना किसानों को उनकी फसल के लिए एक लाभकारी मूल्य मिल सकेगा। पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण करने से देश को अपने तेल आयात में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश में बीते पेराई सत्र 2017-18 के गन्ना मूल्य बकाया भुगतान के लिए मिलों को आर्थिक मदद और सस्ते लोन के बावजूद किसानों के 2725 करोड़ रुपये बकाया हैं।

इथेनॉल उत्पादन बढ़ाना चाहती है सरकार
केंद्र सरकार इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाना चाहती है ताकि 2030 कर पेट्रोल-डीजल में मौजूदा दस फीसदी इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक किया जा सके। अभी देश में इथेनॉल का उत्पादन मिश्रण के लिए आवश्यक दस फीसदी की मांग से भी कम है। इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से चीनी उद्योग पर दबाव कम होने के साथ कच्चे तेल के आयात का बिल भी कम करने में मदद मिलेगी। भारत 80 फीसदी तेल आयात करता है।

तेल विपणन कंपनियों की बढ़ी मांग
सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणन कंपनियों के द्वारा खरीदे जाने वाले इथेनॉल की मात्रा वित्त वर्ष 2013-14 के 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2017-18 में अनुमानित रूप से 150 करोड़ लीटर हो गई है। इस्मा के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में इथेनॉल मिश्रण का स्तर आठ प्रतिशत हो जाएगा वहीं 2020 तक मिश्रण का स्तर 10 प्रतिशत और वर्ष 2022 तक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।

उत्पादन 2.1 फीसदी बढ़ा
चालू गन्ना पेराई सत्र 2018-19 अक्तूबर-सितंबर के शुरुआती ढ़ाई महीने में चीनी के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस्मा के अनुसार, चालू सीजन में 15 दिसंबर तक देशभर में 70.52 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हुए उत्पादन मुकाबले 1.48 लाख टन यान 2.1 फीसदी अधिक है। पिछले साल जहां 476 चीनी मिलों उत्पादन चल रहा था वहां इस साल 462 मिलें इस समय चालू हैं।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 दिसंबर 2018