मण्डला । संत निरंकारी मंडला द्वारा 13 मई को निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की तृतीय पुण्य तिथि पर जबलपुर के संत अजीत सिंह की अध्यक्षता में समर्पण दिवस का आयोजन संत निरंकारी सत्संग भवन बिंझिया में शाम 7 से 9 बजे तक किया गया. जिसमें ग्रामीण मंडल से भी श्रेालुजन उपस्थित रहे. संत महात्माओं द्वारा बाबा जी के मिशन के 36 वर्ष समर्पित सेवा भाव और मिशन को इस मुकाम तक पहुंचाने की प्रेरणादायक बातों से अवगत कराया गया। महात्मा अजीत सिंह ने बताया कि बाबा हरदेव सिंह मानवता के मसीहा थे. उन्होंने बचपन से ही मिशन की सेवा की. सेवादार के रूप में भी सत्गुरू रूप में भी मानवता का मूल उद्देश्य है. मानव, मानव के काम आए. जीवन में कभी भी किसी से बैर नहीं रखना किसी से छल कपट नहीं करना. परोपकार के भाव बनाए राना ब्रम्हज्ञान मिलना आसान है. उस पर अमल करना कठिन है जो इस प्रभु परमात्मा को जानकार भक्ति करता है. उसके जीवन में कभी कठिनाई नहीं आती. उसके जीवन में हरियाली बनी रहती है. इस प्रभु की रजा में भी राजी रहना है जैसे भक्त कबीर, प्रहलाद, मीरा जी ने इस प्रभु परमात्मा को जानकर भक्ति की ओर अपना जीवन सुखमय व्यतीत किया. आज भी इनकी मिशालें दी जाती है. आज इंसान इस संसार में मानवता भूल गया है. आज इंसान एक दूसरे को गिराने की पीछे पड़ा है. नीचा दिखाना चाहता है लेकिन सत्संग में आने से भाव परिवर्तन होता है जिस प्रकार हमें अपनी भूख मिटाने के लिए खाना आवश्यक है. उसी प्रकार आत्मा की खुराक यह सत्संग होता है. मिशन के मानवता वाले कर्मो से हमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है और मानवता की मिशाल कायम करनी है. निरंकारी बाबा जी ने हमें जो आदेश और उपदेश दिये हैं हम उन पर चल पाए यही हमारी सच्ची श्रेांजलि हैं। कार्यक्रम के अंत में विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया. मंडला संयोजक गोवर्धन दास इसरानी द्वारा महात्माओं का स्वागत कर आभार व्यक्त किया गया।