नई दिल्ली। न्यायमित्र पी एस नरसिम्हा का मानना है कि क्रिकेट का संचालन आंखिरकार आयोजकों को ही करना है। इसलिए वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संस्था गठित करने की तरफ बढ़ रहे हैं क्योंकि अदालत या उससे नियुक्त निकाय के बजाय चुनी गयी संस्था को खेल का संचालन करना चाहिए। इस मामले को लेकर नरसिम्हा ने विभिन्न राज्य इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ अपनी बैठक की रिपोर्ट शीर्ष अदालत को भी सौंपी है। नरसिम्हा ने कहा, ‘आखिर में क्रिकेट के आयोजकों (अधिकारियों) को ही इसकी देखरेख करनी है। खेल की देखरेख करना अदालत का काम नहीं है। यह वकीलों का काम नहीं है। यह अदालत से नियुक्त समिति का काम नहीं है कि वह खेल का संचालन करना जारी रखे।’
उन्होंने कहा, ‘यह काम क्रिकेट आयोजकों का है और ये आयोजक निर्वाचित निकाय हैं। अब सुधारों के बाद उसमें क्रिकेटरों को शामिल करना भी जरूरी है। वही क्रिकेट का संचालन करेंगे। मुझे लगता है कि चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। सुधारों की प्रक्रिया बहुत पहले शुरू हो गई थी और अब उन्हें लागू करने का समय है।’ न्यायमित्र ने कहा कि राज्य इकाइयों के साथ उनकी मध्यस्थता प्रक्रिया उपयोगी रही और यह मामला अब सुलझ रहा है।
गिरजा/16मई