हम तो बस ऐसे है

हर दर्द सहे हम जिनके लिए  मुँह फेर के हमसे बैठे हैं। हम तो विरही अपने…

हिंदी हैं हम वतन

अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर विशेष कविता। हिंदी हैं हम वतन हैंl हिंदी भाषा हमारा मान और…

मातृभाषा हिंदी

देवनागरी लिपि हमारी हिंदी भाषा शान है, वंशज है यह संस्कृत की  करना इसका सम्मान है।…

नये साल का सुंदर हो आगाज़

पूरे  हो जायें  सब के‌ सपने पंखो को मिल जाये परवाज़ हिमालय सी बुलंदी मिले‌  जांबाजों…

ग़ज़ल —–

मुझको     लेकर    सोचेंगे  पर    गूँगे    क्या    बोलेंगे काग़ज़    …

अपनों से डर

अपने ही घर में है , अपनों से डर । कहते हैं फिर भी , ख़ुद…

भावों की अभिव्यक्ति का….

                    माध्यम हैं शब्द, विचारों की क्रांति का……                     साधन हैं शब्द, मधु सम मधुरता का……                    भण्डार हैं…

एक उम्र चुरा लाऊँ

कभी कभी जी करता हैं फूलों की खुशबू चुरा लाऊँ। आसमां की घटाओं से पानी को…

अपनों से हुआ उपेक्षित 

अपनों से हुआ उपेक्षित  इंतजार मैं करता रहता , सुबह, दोपहर और शाम । अब नही…

नेता जी की चौपतिया

नेता बांट रहे  चौपतिय आ। बैठे बांच रही रमपतिया ।। डेढ़ करोड़ बनाए हैं घर ।…