—————————– गुरु आप नहीं,तो जन जग का अस्तित्व नहीं! गुरु आप नहीं, तो ईश्वर का अस्तित्व…
Category: काव्य ग़ज़ल
चाँद मिलने आया था
एक ख्वाहिश थी चाँद से मिलने की,वह परसो मिलने आया। सोलह कलाओ से परिपूर्ण,हल्की ठंडक भी…
बदलती दुनिया
जड़ बदला,चेतन बदला है। मिट्टी का कण-कण बदला है। सागर,नदियां,झीलें,जंगल, कुदरत का आंगन बदला है। सूरज,तारे,चांद…
मैं मुहावरा तेरे प्यार का
एक तरसी हुई निग़ाह को राहत दे अपने दीवाने को अपनी चाहत दे प्यासी निगाहें दरवाज़े…