(राम द्वारा सीता को समझना) बनवाँ में बड़ा दुख होई, सिया मोर घरहीं में रहिजा हो…
Category: काव्य ग़ज़ल
शाबाशियाँ
( स्त्री विमर्श ) बालियाँ तेरे हर किरदार को, शाबाशियाँ तेरे अस्तित्व को, शाबाशियाँ बेटी, बहन,बहू,पत्नी,माँ …
शुभागमन गणराज!!
★आशुतोष के लाड़ले, मां गौरी के लाल। कार्तिकेय के हो अनुज, मंगलमूर्ति विशाल।। ★सिद्ध करो संकल्प…
आओं हिन्दी के अस्तित्व के लिए
ईश्वर से प्रार्थना करें आज हिन्दी दिवस है अपने ही देश में अपनी ही भाषा का…
जो पूछ रहे हैं राम कौन और राम कहाँ?
◆ अँधियारे के अभ्यस्तों को, उजियारा दर्पण दिखलाएं। जो पूछ रहे हैं राम कौन? जो पूछ…