टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों के बीच, नन्हें-नन्हें पैरों के निशान, तोतली बोली में झूमती हवाएं, लहरा लहरा कर…
Category: काव्य ग़ज़ल
बनवाँ में बड़ा दुख होई .
(राम द्वारा सीता को समझना) बनवाँ में बड़ा दुख होई, सिया मोर घरहीं में रहिजा हो…
शाबाशियाँ
( स्त्री विमर्श ) बालियाँ तेरे हर किरदार को, शाबाशियाँ तेरे अस्तित्व को, शाबाशियाँ बेटी, बहन,बहू,पत्नी,माँ …
शुभागमन गणराज!!
★आशुतोष के लाड़ले, मां गौरी के लाल। कार्तिकेय के हो अनुज, मंगलमूर्ति विशाल।। ★सिद्ध करो संकल्प…
आओं हिन्दी के अस्तित्व के लिए
ईश्वर से प्रार्थना करें आज हिन्दी दिवस है अपने ही देश में अपनी ही भाषा का…