राजहानि से भली राजधानी

सुबह दस बज रहे थे। ललिया सड़क के किनारे अपनी कैब का इंतजार कर रही थी।…

वफादारी की कसम

चुनाव से पहले पार्टी बदल कर पुरानी पार्टी पर दांत पीसते हुए गालियां देने के मूड…

कफन में दलाली खाय!

शुचितापुरी नामक नगरी में दयाकृष्ण नामक एक सहृदयी चोर निवास करता था। वह ईमानदार किंतु अत्यंत…

 व्यंग्य 

तेरा तुझको अर्पण “अरे भोलू सुना तूने,कल नएओवर ब्रिज का लोकार्पण  नेताजी ने कर दिया। सब…

जिंदा मंत्री की मरी आत्मा!

कथा है कि सभी दलाल बहुत दिन से मंत्री की प्रतीक्षा कर रहे थे कि वह…

सपने लूटते बंदरगण!

जंबूद्वीपे उत्तराखंडे एक नगर था इंद्रप्रस्थ। यहां चंद्रप्रकाश नाम का एक दरिद्र निवास करता था। चंद्रप्रकाश…

वे बिक रहे हैं, उन्हें बिकना ही था….!!

वे बिक गए, बिकना ही था। पूँजीवाद के दौर में क्या नहीं बिक रहा है !…

तू आँख खोल मैं मिर्ची डालूँ

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, मो. नं. 73 8657 8657 मैं बहुत दिनों से पंडिताई कर…

दिखने और होने में फर्क

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, मो. नं. 73 8657 8657 एक दिन मेरी पत्नी पड़ोसन से…

सिकाई

अपने एक डॉक्टर दोस्त से फोन पर सलाह लेने के बाद हम ऊपर वाले कमरे में…