*हाँ मैं रावण हूँ*

बीस भुजा दस शीश इष्ट त्रिपुरारी 

वायु देव करें चाकरी कुबेर आज्ञाकारी 

अग्निदेव आज्ञा के भूखे इंद्र हाजिरी धारी

यमराज लियो पाटी से बांध बना सेवाधारी

मैं  अति बलवान ब्रह्माण्डाधीश लंकेश महान हूँ 

हाँ मैं रावण हूँ ।

फिर भी  प्रश्न प्रश्न और प्रश्न तुम कौन 

सुनकर मेरा नाम छा जाता सर्वत्र  मौन 

हो उठती कंपित धरा मारूं जब मैं दहाड़ 

मेरे रथ के पहिये को थाम सकेगा कौन

कालों का महाकाल  शिवा का पूजक हूं

 हाँ मैं रावण हूँ

कब तक जलाओगे जलाकर प्यास बुझाओगे

कामी लोलुप पापी दीनों पर अत्याचार ढहाओगे

खून चूसने वाले जनता के शोषक हो खबरदार 

खूनी होली के आशिक कब तक खैर मनाओगे

इन सबका नाम समर्पित मुझको,उनका संरक्षक हूँ 

हाँ मैं रावण हूँ 

हिन्दुत्व आज खतरे में अब मेरा इतिहास निकालो

मैं ब्राह्मण ब्रह्मांड पुजारी तिलक जनेऊ आज बचा लो

राजनीति रावण की चलकर हिंदू हिंदुस्तान बना लो

आहत है यह धरा स्वयं कह रही गिरा हिन्दुओं  सम्हालो 

चैन न पाऊँ स्वर्ग देखकर मृत्यु लोक अवनति, धरा पर आने का कारण हूँ 

हाँ मैं रावण हूँ । 

                                    बच्चूलाल दीक्षित

                         ग्वालियर 8349160755