थोड़ा थोड़ा अपनी आँखों में भरा कीजिए।
वक़्त निकाल कर आप हमें पढा कीजिए।
लिखतें हैं कविताएं सिर्फ आपके लिए
इसीलिए आप हमें गौर से पढ़ा कीजिए।
ऊँगलीया ऱखकर हमारी कविताओं पर
हर एक लफ़्ज़ को आप जवां कीजिए।
सिर्फ आपके नाम की हैं हमने ये जवानी
अपनी नज़रों हमें आप कैद कीजिए।
आखरी लाइन पढ़ते हुए मोहोब्बत हो जाए
आपको तो जल्द ही इज़हार कीजिए।
नीक राजपूत
+919898693535