चांदनी चाँद की

मुस्कुराती रही चांदनी चाँद की , गुनगुनाती रही चांदनी चाँद की।  रात की छाँह में ओस…

दोहे

घोषित कर खुद को यहां,संत महात्मा सिद्ध। नज़र गड़ाए मांस पर,बैठे हैं सब गिद्ध। मानवता से…

काम में देरी..

कभी है जरूरी, कभी मजबूरी,  कभी मगरूरी, मगर हमेशा कराती, अंजाम से दूरी, काम में दूरी।…

सारंगी वाला

प्रारंभ से ही रचा जाता रहा है व्यूह रोने और चुप कराने वालों के बीच। आ…

कविता

कल मेरे एक दोस्त ने पूछ लिया  आजकल आप कवितायेँ नहीं लिखते? मैने कहा/बात तो सच…

कोई अनुबंध होता नहीं प्यार में….

कोई अनुबंध होता नहीं प्यार में…. अब कहां वो प्यार इस बहार में जब कोई अनुबंध…

शोर मन में भरा, मौन संवेदना

शोर मन में भरा, मौन संवेदना एक मतभेद ने ,भेद मन में किया। पाट लेते अगर,…

*रे मन*

गहरा सागर सा,  चंचल लहरों की तरह,  मचलता फिज़ा सा,  बदलता मौसम की तरह,  ठहरता स्निग्ध…

गीत के मीत

      “”””””””””””””””” जब गीत के मीत बनी मुरली मुरलीधर की धुन जाग उठी । सगरे ब्रज मीत…

तेजाब

तुम्हारे जैसे आशिक कितने होंगे? गिन गिन कर लाओ.. उनके प्रेम का प्रमाण तेजाब से लिखवाओ।…