मुस्कुराती रही चांदनी चाँद की , गुनगुनाती रही चांदनी चाँद की। रात की छाँह में ओस…
Category: काव्य ग़ज़ल
कोई अनुबंध होता नहीं प्यार में….
कोई अनुबंध होता नहीं प्यार में…. अब कहां वो प्यार इस बहार में जब कोई अनुबंध…
शोर मन में भरा, मौन संवेदना
शोर मन में भरा, मौन संवेदना एक मतभेद ने ,भेद मन में किया। पाट लेते अगर,…