खुशबू की मीठी बयार क्या कहें
बारिश की रिमझिम फुहार क्या कहे।
नम् दूबों पर ओश की चमकार् क्या कहे,
फूलों की महक ,कलियाँ लचकदार क्या कहें।
पंखुड़ियों पर आसमानी रंग क्या कहे।
झूमती लताओं पर जिंदगी का रंग क्या कहे।
होठों पर ख़ुशी महकी महकी सी ।
फूलों सा गुलाबी रंग चेहरे पर क्या कहे।
हंसी की शुरुआत ख़ुशी की बारात क्या कहे।
महकते जज्बात कलियों की सौगात क्या कहे।
चमेली की महक,लताओं का साथ क्या कहें।
चाँदनी रात में सितारों की सौगात क्या कहे।
फूलों की कलियों से चुपके बात क्या कहे।
लताओं का पुष्पों के संग प्रेमालाप क्या कहे।
फूलों की सेज दुल्हन की सुहागरात क्या कहें
चौदहवी का चाँद भीगी सी रात क्या कहें।
संजीव ठाकुर, अंतरराष्ट्रीय कवि, रायपुर, छत्तीसगढ़, 9009 415 415