(सीता जी की माँ गंगा से विनती) मोरे प्रभु जी उतरिहैं पार, हे गंगा मैया धीरे…
Category: काव्य ग़ज़ल
भूख, भय, मृत्यु और ममता
भक्ष्ण नहीं करूंगा मैं तो फिर भूखा मरूंगा -सामने मेरे जो भी आए उससे अपना पेट…
■ चित्र के गर्भ में….
एक चित्र नुमाइश में था लगाया गया, कुछ ऐसा वाक़या था दिखाया गया। एक वृद्ध अपने…
अलख जगाया करती है,,,,
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