क्या आप बोल्ड हैं

एक सवाल है कि आप कितना बोल्ड है? यह तो बहुत बोल्ड महिला है या यह…

नववर्ष संकल्प

प्रत्येक नववर्ष का आरंभ नव संकल्प के साथ होता है। प्रत्येक व्यक्ति के नववर्ष के लेकर…

छुट्टियां मनाएं, लेकिन सावधानी जारी रहे

 (लेखक/समाजसेवी—प्रवीण कक्कड़) क्रिसमस और न्यू ईयर का वक़्त करीब आ रहा है। साल का यह ऐसा…

“अवसाद को अलविदा कहो यार”

उम्र के एक पड़ाव पर बहुत सारी स्त्रियां अकेलापन महसूस करते अवसाद का भोग बन जाती…

क्या केवल नेहरू-गाँधी का ‘परिवारवाद’ ही लोकतंत्र के लिये ख़तरा

                                                                                                                                      देश में जब कभी परिवारवाद या परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा अथवा संरक्षण देने की…

रस्सी तो जल गयी मगर ऐंठन नहीं गयी

 स्वतंत्र भारत के इतिहास में चले  सबसे बड़े व संयुक्त किसान आंदोलन ने आख़िरकार केंद्र की…

लोग क्या सोचेंगे!

बहुत समय पहले मैंने कहानी सुनी थी, जिसमें एक आदमी अपने गधे के साथ जाता है,…

हमारे बच्चे,हमारा बचपन

कभी हम भी बच्चे थे,हमारा भी बचपन था,आज हमारे बच्चे हैं और उनका बचपन है। संसार…

बदलता वक्त

●●●●●●●●●      बदलाव प्रकृति का शाश्वत नियम है, जिसके परिणाम सकारात्मक/नकारात्मक होते ही हैं। सदियों सदियों से…

महिला को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहिए!

जब महिलाएं नौकरी करती हैं, न केवल वे वित्तीय रूप से स्वतंत्र हो जाति हैं, उससे…