बेटों का संघर्ष किसी , से कम नहीं होता। बचपन से बताया जाता, लड़का होना आसान…
Category: काव्य ग़ज़ल
शैतानों से हारी मैं
औरत की चीख दब गई है,चारदीवारी में। उम्र गुजार दी उसने,सिर्फ खातिरदारी में। जख्म बदन के,नहीं…
*हाँ मैं रावण हूँ*
बीस भुजा दस शीश इष्ट त्रिपुरारी वायु देव करें चाकरी कुबेर आज्ञाकारी अग्निदेव आज्ञा के भूखे…