विशाखा कहती कान्हा से…
राधा कितनी दीवानी थी, तुम क्या जानो कान्हा सखियों से कहती थी, मिला दो मुझे वो…
प्यार का आधार
कृष्ण कहूँ, कान्हा कहूँ, मोहन कहूँ या मुरारी, सत्यभामा नाथ कहूँ, या मीरा का घनश्याम कहूँ।…
हमे मोहब्ब्त हुई है..
************* मुद्दतों बाद हमें मोहब्ब्त हुई है इस दिल को तेरी जरूरत हुई है कैफ़ियत कितनी…