*रे मन*

गहरा सागर सा,  चंचल लहरों की तरह,  मचलता फिज़ा सा,  बदलता मौसम की तरह,  ठहरता स्निग्ध…

गीत के मीत

      “”””””””””””””””” जब गीत के मीत बनी मुरली मुरलीधर की धुन जाग उठी । सगरे ब्रज मीत…

सपने हैं, सपनों का क्या…

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, मो. नं. 73 8657 8657 हम सब दोस्त मिलकर इधर-उधर की…

तेजाब

तुम्हारे जैसे आशिक कितने होंगे? गिन गिन कर लाओ.. उनके प्रेम का प्रमाण तेजाब से लिखवाओ।…

पुरुषत्व

बेटों का  संघर्ष किसी , से कम नहीं होता। बचपन से बताया जाता, लड़का होना आसान…

नीव है

नीव है  स्तम्भ भी, प्रबुद्ध है प्रकर्ष भी, सबल है समर्थ है। अविचल कर्मण्य भी, है…

मन का सागर..

मन के सागर मे उठी लहरें न जाने क्यों मेरे  मन की दहलीज़ आकर रुक जाती…

शैतानों से हारी मैं

औरत की चीख दब गई है,चारदीवारी में।  उम्र गुजार दी उसने,सिर्फ खातिरदारी में।  जख्म बदन के,नहीं…

कोई नाम न दो

मेरी खामोशी को , अब कोई नाम ना दो । खामोश रहने दो इन लफ्जों को…

*हाँ मैं रावण हूँ*

बीस भुजा दस शीश इष्ट त्रिपुरारी  वायु देव करें चाकरी कुबेर आज्ञाकारी  अग्निदेव आज्ञा के भूखे…