Indore's No.1 News Paper
जड़ बदला,चेतन बदला है। मिट्टी का कण-कण बदला है। सागर,नदियां,झीलें,जंगल, कुदरत का आंगन बदला है। सूरज,तारे,चांद…
लाल्टू ने घर को आखरी बार निहारा l घर जैसे उसके सीने में किसी कील की…
समय का चक्र काफी तेजी से बीतता गया। रिश्ते -नाते कुछ जुड़ा तो कुछ टूटता गया…
एक तरसी हुई निग़ाह को राहत दे अपने दीवाने को अपनी चाहत दे प्यासी निगाहें दरवाज़े…
अनीतकारी पुरुष को मिला अभय वरदान जी भर मन की कीजिए जो मन में अरमान कितना…
वीभत्सता का जो शोर है, तमस एवं प्रकाश का जो विभोर है, समग्र में जो विशेष…
नैतिकता का आधार ढूंढते-ढूंढते मैं बहुत ही परेशान हो चुका हूं, पर अभी तक यह आधार…
शरद चंद्र की धवल किरण ‘ जब धरा पर आती है । शुभता का एहसास कराती”…
बहुत फ़र्क है दोनों में नहीं हो सकती तुलना कलम और तलवार में एक हिंसक दूसरी…
मुस्कुराती रही चांदनी चाँद की , गुनगुनाती रही चांदनी चाँद की। रात की छाँह में ओस…