कितने कितने हिंदुस्तान,

नल पर अकाल की व्यतिरेक ग्रस्त जनानाओं की आत्मभूत मर्दाना वाच्याएं। एक-दूसरे के वयस की अंतरंग…

मित्रकूट मंदाकनी पर त्रिदेव!

मंत्री, डाकू और पुलिस के त्रिदेव मित्रकूट पर मंदाकनी नदी के किनारे चांदनी रात का रस…

चुनावी मौसम के तीर

     1. मुंगेरीलाल के सतरंगी सपने।          अपनी ढपली राग भी अपने।          बदल के टोपी जमाये गोटी,          भोली…

-यार पापा, बड़े अजीब हो तुम

जब टेस्ट में कम नंबर आते थे अगली बार आ जायेंगे, कह के छोड़ देते थे …

महंगी दियासलाई हुई

शराब सस्ती – महंगी दियासलाई हुई । आम आदमी का – जीना हराम हुआ । ज़िंदगी…

#दूरदर्शी**

“रोक-रोक साइकिल रोक, रवि! जिस सिनेमा हॉल का नाम बताया था, वही है।” दोनों सिनेमा हॉल…

रुद्र रूप हनुमान

शिव शंकर भोले महादेवा हे! त्रिपुरारी, माता गौरी शंकर को थी जो अति प्यारी । गणपति…

बेचारगी

कभी वास्तविक होती थी मुस्कान निष्कपट और निश्छल। कल-कल करती  पहाड़ी जलधारा सी मोहक और चंचल।…

नदी

ज्यों-ज्यों   सभ्यता अपनी केचुँली बदल रही है पवित्रता की प्रतीक  नदियाँ   लाचार है सभ्यता के निर्माण…

रीता बहुगुणा जोशी भी विद्रोह की राह पर?

उत्तरप्रदेश चुनाव के एलान होते ही भाजपा की मुश्किलें थमने का नाम नही ले रही है…